Day 9 Maa Siddhidatri देवी सिद्धिदात्री महिमा और आरती
Day 9 Maa Siddhidatri -देवी सिद्धिदात्री महिमा और आरती। मेरा आज का ये आर्टिकल Maa Siddhidatri देवी सिद्धिदात्री महिमा और आरती से जुड़ा है। जिसके माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्रों के सुभ अवसर पर नवरात्रों पर पूजने वाली सभी देवियों के बारे में विस्तार से बताऊंगा। ताकि आप लोग सही तरीके से नवरात्री के पर्व को बना सको।
ॐ भूर्भुवः स्वः सिद्धदे इहागच्छ इहतिष्ठ। सिद्धिदायै नमः । सिद्धिदांमावाहयामि स्थापयामि नमः ।। पाद्यादि पूजन विधाय।। ॐ दुर्गमे दुस्तरे कार्ये भयदुर्गविनाशिनीम्। पूजयामि सदा भक्त्या दुर्गा दुर्गतिनाशिनीम् ।।
हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार नवरात्री में भगवती दुर्गा माता की पूजा का स्रेस्ट समय होता है। नवरात्रों के पावन दिनों में हर दिन अलग अलग देवी के रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नो रूप होते हैं दुर्गा जी सातवे स्वरूप में Maa Kalratri के नाम से जानी जाती है। यही नवदुर्गा में सातवी दुर्गा है। नवरात्रों के दिन हमे सही तरीके से पूजा करनी चाहिए। ताकि हुए उस पूजा का सही फल प्राप्त हो सके।
अपने आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्री वाले सातवे दिन पूजने वाली देवी Maa Siddhidatri की जानकारी देने वाला हु। ताकि आप नवरात्री के नॉवे दिन पूजने वाली Maa Siddhidatri की पूजा सही तरीके से कर सको। अपने इस आर्टिकल के द्वारा में आप सभी को माँ सिद्धिदात्री की जानकारी देने वाला हु। अगर आपको नवरात्रों पूजा की पूरी जानकारी चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करके मेरी पोस्ट देख सकते है। अपनी पोस्ट के अन्दर मैं विस्तार से पूजा के बारे में सब कुछ बताया हुवा है।
मां दुर्गा जी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। यह सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली है। ममता मुंह से विरक्त होकर महाऋषि मेघा के उपदेश से समाधि ने देवी की आराधना कर, ज्ञान प्राप्त कर मुक्ति प्राप्त की थी। सिद्धि अर्थात मोक्ष को देने वाली होने से उस देवी का नाम सिद्धिदात्री पड़ा।
मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं, वर्ण रक्त, वाहन वाहन सिंह है, कमल पुष्प पर आसीन एक हाथ में कमल पुष्प, दूसरे हाथ में चक्र, तीसरे हाथ में गदा और चौथे में शंख है। इनके नेत्रों में करुणा लहरा रही है। देवी प्रसन्न मुद्रा में है।
इनकी आराधना से जातक को अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रक्रम, महिमा, सर्वकामावसायेता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाक् सिद्धि, अमर तत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इनकी उपासना से आर्तजनो के असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। तथा इनके चरणों की शरण पाने के लिए हमें हमेशा प्रयतन करना चाहिए। देवी की कृपा से विशुब्थ ज्ञान द्वारा जीव अपने जीव भाव को त्याग कर जीवन मुक्ति प्राप्त करता है।
Maa Siddhidatri स्लोक
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
Maa Siddhidatri Aarti
जय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि को दाता। तू भक्तों की रक्षक तू दासो की माता।। तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि। तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।। कठिन काम सिद्ध करती हो तुम। जब भी हाथ सेवक के सर पर धरती हो तुम।। तेरी पूजा में जो ना कोई विधि है। तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।। रविवार को तेरा सुमिरन करे जो। तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।। तू सब काज उसके करती है पूरे। कभी काम उसके रहे ना अधूरे।। तुम्हारी दया और तुम्हारी है माया। रखी जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।। सर्व सिद्धि दाती वह भाग्यशाली। जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।। हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा। महानंदा मंदिर है वास तेरा।। मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता। भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता ।।
उपर मैंने आपको विस्तार से Day 9 Maa Siddhidatri -देवी सिद्धिदात्री महिमा और आरती के बारे में बताया है। इसके साथ ही मैंने आपको Maa Siddhidatri Puja Mantra भी दिया है। ताकि आप लोग बिलकुल सही तरीके से नवरात्री वाले दिन सभी नो देवियों की पूजा पाठ सही तरीके से कर सको। मेरी इसी वेबसाइट पर आपको सभी नो देवियों की पूजा पाठ से जुडी पूरी जानकारी विस्तार से मिल जाएगी। और अगर आपको ये जानकारी पसंद आये तो इस वेबसाइट को अपने दोस्तों के बिच जरुर शेयर करिए।