Day 7 Maa Kalratri देवी कालरात्रि महिमा और आरती
Day 4 Maa Kalratri –देवी कालरात्रि महिमा और आरती। मेरा आज का ये आर्टिकल Maa Kalratri देवी कालरात्रि महिमा और आरती से जुड़ा है। जिसके माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्रों के सुभ अवसर पर नवरात्रों पर पूजने वाली सभी देवियों के बारे में विस्तार से बताऊंगा। ताकि आप लोग सही तरीके से नवरात्री के पर्व को बना सको।
ॐ भूर्भुवः स्वः कालरात्रि इहागच्छ इहतिष्ठ। कालरात्र्यै नमः । कालरात्रिमावाहयामि स्थापयामि नमः ।। पाद्यादि पूजनं विधाय।। चण्डवीरां चण्डमायां रक्तबीज प्रभंजनीम्। तां नमामि च देवेशीं गायत्रीं पूजयाम्यहम्।।
हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार नवरात्री में भगवती दुर्गा माता की पूजा का स्रेस्ट समय होता है। नवरात्रों के पावन दिनों में हर दिन अलग अलग देवी के रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नो रूप होते हैं दुर्गा जी सातवे स्वरूप में Maa Kalratri के नाम से जानी जाती है। यही नवदुर्गा में सातवी दुर्गा है। नवरात्रों के दिन हमे सही तरीके से पूजा करनी चाहिए। ताकि हुए उस पूजा का सही फल प्राप्त हो सके।
अपने आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्री वाले सातवे दिन पूजने वाली देवी Maa Kalratri की जानकारी देने वाला हु। ताकि आप नवरात्री के दुसरे दिन पूजने वाली Maa Kalratri की पूजा सही तरीके से कर सको। अपने इस आर्टिकल के द्वारा में आप सभी को माँ कालरात्रि की जानकारी देने वाला हु। अगर आपको नवरात्रों पूजा की पूरी जानकारी चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करके मेरी पोस्ट देख सकते है। अपनी पोस्ट के अन्दर मैं विस्तार से पूजा के बारे में सब कुछ बताया हुवा है।
Day 7 Maa Kalratri – दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है संपूर्ण प्राणियों को प्राणियों की पीड़ा हरने वाली, अग्नि, भय, जल भय, जन्तु भय,रात्रि भय, को दूर करने वाली, काम, क्रोध और शत्रुओं का नाश करने वाली, काल की भी रात्रि विनासिका होने से उस देवी का नाम का कालरात्रि पड़ा।
देवी के शरीर का रंग काला, बाल बिखरे हुए, गले में को मुंड माला, तीन नेत्र, गदहा है। दाहिना हाथ वरमुद्रा में है, दूसरा हाथ अभय मुद्रा में है। बाए हाथ में लोहे का काटा और नीचे वाले हाथ में कटार है। इनकी पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति, दुश्मनों का नाश, तेज बढ़ता है। मां अपने भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों और भय से मुक्त करती है और देवी वाक् सिद्धि और बुद्धि बल प्रदान करती है। दानव दैत्य राक्षस भूत प्रेत और का रात्रि के समय मात्र से ही भयभीत होकर थक जाते हैं।
Maa Kalratri स्लोक
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा । वर्धन्मूर्घध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि ।।
Maa Kalratri Aarti
कालरात्रि जय जय महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली ।। दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतार।। पृथ्वी और आकाश में सारा। महाकाली है तेरा पसारा।। खंडग खपर रखने वाली। दुष्टो का लहू चखने वाली।। कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखो तेरा नजारा।। सभी देवता सब नर नारी ।गावे स्तुति सभी तुम्हारी ।। रक्तदाता और अन्नपूर्णा। कृपया करें तो कोई भी दुख ना ।। ना कोई चिंता रहे बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी।। उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली मां जैसे बजावे।। तू भी भक्त प्रेम से कहे। कालरात्रि मां तेरी जय।।
उपर मैंने आपको विस्तार से Day 7 Maa Kalratri -देवी ब्रह्मचारिणी महिमा और आरती के बारे में बताया है। इसके साथ ही मैंने आपको Maa Kalratri Puja Mantra भी दिया है। ताकि आप लोग बिलकुल सही तरीके से नवरात्री वाले दिन सभी नो देवियों की पूजा पाठ सही तरीके से कर सको। मेरी इसी वेबसाइट पर आपको सभी नो देवियों की पूजा पाठ से जुडी पूरी जानकारी विस्तार से मिल जाएगी। और अगर आपको ये जानकारी पसंद आये तो इस वेबसाइट को अपने दोस्तों के बिच जरुर शेयर करिए।