Day 4 Maa kushmanda | देवी कूष्मांडा देवी महिमा और आरती

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Day 4 Maa kushmanda | देवी कूष्मांडा देवी महिमा और आरती

Day 4 Maa kushmanda -देवी कूष्मांडा महिमा और आरती। मेरा आज का ये आर्टिकल Maa kushmanda देवी ब्रह्मचारिणी महिमा और आरती से जुड़ा है। जिसके माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्रों के सुभ अवसर पर नवरात्रों पर पूजने वाली सभी देवियों के बारे में विस्तार से बताऊंगा। ताकि आप लोग सही तरीके से नवरात्री के पर्व को बना सको।

Day 4 Maa kushmanda
Day 4 Maa kushmanda

ॐ भूर्भुवः स्वः कूष्माण्डे इहागच्छ इहतिष्ठ। कूष्माण्डायै नमः। कूष्माण्डामावाहयामि स्थापयामि नमः ।। पाद्यादिभिः पूजनम्बिधाय।।

ऊँ अणिमादि-गुणोदारां मकराकर चक्षुसम्। अनन्तशक्तिभेदां तां कामाक्षीं पूजयांम्यहम् ।।

हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार नवरात्री में भगवती दुर्गा माता की पूजा का स्रेस्ट समय होता है। नवरात्रों के पावन दिनों में हर दिन अलग अलग देवी के रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नो रूप होते हैं दुर्गा जी दुसरे स्वरूप में Maa Brahmacharini के नाम से जानी जाती है। यही नवदुर्गा में दूसरी दुर्गा है। नवरात्रों के दिन हमे सही तरीके से पूजा करनी चाहिए। ताकि हुए उस पूजा का सही फल प्राप्त हो सके।

अपने आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्री वाले चोथे दिन पूजने वाली देवी Maa kushmanda की जानकारी देने वाला हु। ताकि आप नवरात्री के दुसरे दिन पूजने वाली Maa kushmanda की पूजा सही तरीके से कर सको। अपने इस आर्टिकल के द्वारा में आप सभी को माँ कूष्मांडा देवी की जानकारी देने वाला हु। अगर आपको नवरात्रों पूजा की पूरी जानकारी चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करके मेरी पोस्ट देख सकते है। अपनी पोस्ट के अन्दर मैं विस्तार से पूजा के बारे में सब कुछ बताया हुवा है।

नवरात्र पूजन के चौथे दिन कूष्मांडा देवी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है। त्रिविध ताप युक्त संसार इनके उदर में स्थित है। इसलिए ये भगवती कूष्मांडा कहलाती है। इश्इहस्सनेर से अंड को अर्थात् ब्रह्मांड को जो पैदा करती है वह शक्ति कुष्मांडा है। इस सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड को ब्रह्मांड की रचना की थी।

मां की आठ भुजाएं है।अत यह अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात है। इनके साथ हाथों में क्रमश कमंडल, धनुष बाण, कमल-पुष्पों, अमृतपूर्ण कलश, चंद्र तथा गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।

मां कुष्मांडा देवी की उपासना से भक्तों की समस्त रोग शोक मिट जाते हैं देवी आयु, यश, बल और आरोग्य देती है। शरणागत को परम पद की प्राप्ति होती है। इनकी कृपया से व्यापार व्यवसाय में वृद्धि व कार्यक्षेत्र में उन्नति, आय के नए मार्ग प्राप्त होते हैं।

Maa kushmanda शलोक

सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च । दघाना हस्तपदमाभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे।।

Maa kushmanda Aarti

कुष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी।। पिगला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी मां भोली भाली।। लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे।। भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा।। सबकी सुनती हो जगदंबे। सुख पहुंचाती हो मां अंबे।। तेरे दर्शन का में प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा।। मां के मन में मन ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी।। तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो मां संकट मेरा।। मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर तो।। तेरा दास मुझे ही ध्याए। तेरे दर पर शीश झुकाया।।

उपर मैंने आपको विस्तार से Day 4 Maa kushmanda | देवी कूष्मांडा देवी महिमा और आरती के बारे में बताया है। इसके साथ ही मैंने आपको Maa kushmanda Puja Mantra भी दिया है। ताकि आप लोग बिलकुल सही तरीके से नवरात्री वाले दिन सभी नो देवियों की पूजा पाठ सही तरीके से कर सको। मेरी इसी वेबसाइट पर आपको सभी नो देवियों की पूजा पाठ से जुडी पूरी जानकारी विस्तार से मिल जाएगी। और अगर आपको ये जानकारी पसंद आये तो इस वेबसाइट को अपने दोस्तों के बिच जरुर शेयर करिए।

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