Day 8 Maa Mahagauri देवी महागौरी महिमा और आरती
Day 4 Maa Mahagauri -देवी महागौरी महिमा और आरती। मेरा आज का ये आर्टिकल Maa Mahagauri देवी महागौरी महिमा और आरती से जुड़ा है। जिसके माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्रों के सुभ अवसर पर नवरात्रों पर पूजने वाली सभी देवियों के बारे में विस्तार से बताऊंगा। ताकि आप लोग सही तरीके से नवरात्री के पर्व को बना सको।
ॐ भूर्भुवः स्वः महागौरी इहागच्छ इहतिष्ठ। महागौर्ये नमः । महागौरीमावाहयामि स्थापयामि नमः ।। पाद्यादि पूजनम्बिधाय ।।
ऊँ सुन्दरीं स्वर्णवर्णागी सुखसौभाग्यदायिनीम् । संतोष- जननीं देवीं सुभद्रां पूजयाम्यहम् ।।
हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार नवरात्री में भगवती दुर्गा माता की पूजा का स्रेस्ट समय होता है। नवरात्रों के पावन दिनों में हर दिन अलग अलग देवी के रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नो रूप होते हैं दुर्गा जी आठवे स्वरूप में Maa Mahagauri के नाम से जानी जाती है। यही नवदुर्गा में आठवी दुर्गा है। नवरात्रों के दिन हमे सही तरीके से पूजा करनी चाहिए। ताकि हुए उस पूजा का सही फल प्राप्त हो सके।
अपने आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्री वाले आठवे दिन पूजने वाली देवी Maa Mahagauri की जानकारी देने वाला हु। ताकि आप नवरात्री के आठवे दिन पूजने वाली Maa Mahagauri की पूजा सही तरीके से कर सको। अपने इस आर्टिकल के द्वारा में आप सभी को माँ महागौरी की जानकारी देने वाला हु। अगर आपको नवरात्रों पूजा की पूरी जानकारी चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करके मेरी पोस्ट देख सकते है। अपनी पोस्ट के अन्दर मैं विस्तार से पूजा के बारे में सब कुछ बताया हुवा है।
मां दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। हिमालय में तपस्या करते समय गोरी का शरीर धूल मिट्टी से ढककर मलीन हो गया था जिसे जिसे शिव जी ने गंगाजल से बढ़कर धोया, तब गौरवण प्राप्त हुआ इसलिए वह विश्व में महागौरी के नाम से प्रसिद्ध हुई।
देवी महागौरी के वस्त्र एवं आभूषण स्वेत हैं, इनकी चार भुजाएं, वाहन वृषभ है। दाहिना हाथ अभय मुद्रा तथा दूसरे हाथ में त्रिशूल है। बाएं हाथ में डमरू और नीचे का बाए हाथ वर मुद्रा में है। यह सुभाषिनी शांत मूर्ति और शांत मुद्रा है।
मां महागौरी की कृपा से अलौकिक सिद्धियां की प्राप्ति होती है। मां भक्तों का कष्ट दूर करती है। इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। तथा इनके चरणों की शरण पाने के लिए हर सर प्रयत्न करना चाहिए। देवी की आराधना अमोल और शुभ फलदाई है। भक्तों के पूर्व सचिव पाप का विनष्ट होते हैं।
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ।।
Maa Mahagauri Aarti
जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया।। हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरी वहां निवासा।। चंद्रकली और ममता अंबे। जय शक्ति जय जय जगदंबे।। भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्याता।। हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।। सती हवन कुंड में था जलाया। उसी धुवे में रूप काली बनाया। बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।। तभी माँ ने महागोरी नाम पाया। शरण आने वाले का संकट मिटाया।। शनिवार को तेरी पूजा जो करता। मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।। भक्त बोले तू सोच तू क्या कर रहे हो। महागौरी मा तेरी हरदम की जय हो ।।
उपर मैंने आपको विस्तार से Day 1 Maa Mahagauri -देवी महागौरी महिमा और आरती के बारे में बताया है। इसके साथ ही मैंने आपको Maa Mahagauri Puja Mantra भी दिया है। ताकि आप लोग बिलकुल सही तरीके से नवरात्री वाले दिन सभी नो देवियों की पूजा पाठ सही तरीके से कर सको। मेरी इसी वेबसाइट पर आपको सभी नो देवियों की पूजा पाठ से जुडी पूरी जानकारी विस्तार से मिल जाएगी। और अगर आपको ये जानकारी पसंद आये तो इस वेबसाइट को अपने दोस्तों के बिच जरुर शेयर करिए।