Welcome to My Latest Somvar Vrat Vidhi aur Mantra Article. मेरा आज का यह आर्टिकल Somvar vrat की vidhi और सोमवार व्रत के मंत्र से जुड़ा है जिसके माध्यम से मैं आपको बताने वाला हु कि आप किस तरह सोमवार का व्रत vidhi विधान से कर सकते हो.
हमारे हिन्दू धर्म में बहुत से ऐसे व्रत है जिहने हम सभी लोग करना चाहते है. लेकिन उन व्रत का सही ज्ञान ना होने की वजह से हम लोग उस व्रत को नहीं कर पाते. और अगर कर भी लेते है तो अधूरे ज्ञान की वजह से उस व्रत का फल हमे नहीं मिलता. हर साल अलग अलग त्यौहार पर अलग अलग व्रत हम लोगो के बिच आते है. उस व्रत का सही फल प्राप्त करने के लिए जरुरी है आप उस व्रत को सही तरीके से करे. ताकि आपको उसका सही फल मिल सके.
Somvar Vrat Vidhi aur Mantra
अब चुकी बहुत सारे व्रत हमारे हिन्दू धर्म में मोजूद है तो कुछ ऐसे भी व्रत है जिनकी जानकारी हम सभी को होती है, लेकिन उन व्रत को करने का तरीका हमे नहीं पता होता. मैं जिस व्रत की बात कर रहा हु वो व्रत रोज होने वाले अलग अलग दिन के व्रत है. जैसे कि सोमवार व्रत, मंगलवार व्रत, बुधवार व्रत, वीरवार व्रत, शुक्रवार व्रत, शनिवार व्रत और रविवार व्रत. तो में बारी बारी से इन सभी व्रत के बारे में अपनी इस वेबसाइट पर बताऊंगा. ताकि आप सही तरीके से इन व्रत को कर सको.
अपने आज के इस आर्टिकल के द्वारा हम लोग Somvar Vrat Vidhi aur Mantra की जानकारी प्राप्त करेंगे, ताकि आप लोग Somvar Vrat Vidhi aur Mantra के माध्यम से अपने इस व्रत को सही तरीके से कर सको. और इस व्रत को करने पर आपको इसका फल भी प्राप्त हो. हम सभी लोग व्रत इसलिए करते है ताकि हमे उस व्रत का फल प्राप्त हो.
स्त्रियों का व्रत : अखण्ड सौभाग्य, संतान प्राप्ति एवं धन-धान्य सोमवार का व्रत चंद्र ग्रह को प्रसन्न करने हेत किया जाता है जिससे व्यक्ति को फेफड़े के रोग, दमा एवं मानसिक रोग से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति की चंचलता दूर होती है। सोमवार का व्रत शिव को प्रिय है इसलिये अविवाहित लड़कियों को १६ सोमवार का व्रत करने से उत्तम वर की प्राप्ति होती है। सोमवार का व्रत करने से चंद्र के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओं से लाभ प्राप्त होता है।
Somvar Vrat Vidhi – व्रत का आरम्भ कब करें?
सोमवार का व्रत चैत्र, वैशाख, श्रावण, कार्तिक या मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से प्रारंभ कर सकते हैं। आरम्भ करने के बाद १० या ५४ सोमवार तक किया जाता है। चन्द्र देव के लिए प्रति सोमवार का व्रत रखना चाहिए। सुयोग्य जीवन साथी के लिए १६ सोमवार का व्रत रखना चाहिए। त्रयोदशी तिथि को उत्तम वैवाहिक जीवन के लिए किया जाने वाला प्रदोष व्रत कहलाता है।
सोमवार व्रत की विधि :
• सोमवार व्रत में व्यक्ति को प्रातः स्नान कर शिव जी को जल चढ़ाना चाहिए।
• शिव -गौरी की पूजा करनी चाहिए।
• सोमवार को शिव पूजन के बाद व्रत कथा सुननी चाहिए।
• केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए।
• सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर तक होता है. यानि शाम तक रखा जाता है।
• सोमवार व्रत तीन प्रकार का होता है प्रति सोमवार व्रत, सौम्य प्रदा व्रत और सोलह सोमवार का व्रत। सभी व्रतों की विधि समान होती है.
यह दिन सोमवार का दिन है तो इस दिन आपको ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए. ताकि भगवान शिव की क्रप्या आप पर बनी रहे और आपको इस व्रत का सही फल प्राप्त हो सके. इस दिन आपको ॐ नमः शिवाय का जाप 108 बार करना है.