Welcome to My Latest 2022 Jaya Ekadashi Vart Article. मेरा आज का ये आर्टिकल Jaya Ekadashi 2022 Vart से जुड़ा है जिसके माध्यम से मैं आप सभी को जया एकादशी व्रत की पूरी जानकारी देने वाला हु. जिसे जाने के बाद वो लोग इस व्रत का पूरा फल प्राप्त कर सकते है. जो लोग ये व्रत रखना चाहते है. तो अगर आप भी Jaya Ekadashi Vart रखना चाहते है तो मेरा ये आर्टिकल पूरा पढिये.
हमारे हिन्दू धर्म में ऐसे बहुत से व्रत और त्यौहार है जो हर महीने किसी न किसी नाम से हम लोगो के बिच आते रहते है. लेकिन हमे उन व्रत और त्यौहार की सही जानकारी प्राप्त नहीं होगी. अपनी इस वेबसाइट के माध्यम से मैं आप सभी लोगो को व्रत और त्यौहार की सही जानकारी देने की कोशिश करता हु ताकि आपको उस व्रत और त्यौहार का सही फल प्राप्त हो सके. आज हम बात करने वाले है Jaya Ekadashi Vart की.
2022 Jaya Ekadashi Vart ki Jankari
जया एकादशी व्रत इस साल 12 फरवरी, 2022 शनिवार को पड रहा है. हमारे हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस तिथि श्री हरी को समर्पित है। माघ और कार्तिक मास के साथ साथ हर माह की एकादशी तिथि उनकी आराधना करने का शुभ अवसर माना जाता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।
हर एकादशी का अपने आप में एक अलग महत्व होता है और अलग अलग वरदान देने वाली होती है। विशेषतः जया एकादशी, नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त कराती है। इस वर्ष 12 फरवरी, शनिवार को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। जया एकादशी को अजा और भीष्म एकादशी भी कहते हैं। यह एकादशी माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है।
Jaya Ekadashi Vart का मुहूर्त
इस साल एकादशी तिथि का आरम्भ – 12 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 12 फरवरी को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी. जया एकादशी पारणा मुहूर्त 13 फरवरी को सुबह 07:01:38 से 09:15:13 तक है. और इसकी अवधि 2 घंटे 13 मिनट है.
आइए जानते है Jaya Ekadashi Vart की पूजा विधि के बारे में
इस Jaya Ekadashi Vart वाले दिन प्रातःकाल में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजन के लिए एक चौकी पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले जल, अक्षत, फूल अर्पित कर हल्दी का तिलक करें। भगवान को धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित कर आज की एकादशी व्रत की कथा का पठन या श्रवण करें। पूजन के अंत में आरती करें।
उसके बाद प्रसाद ग्रहण करके दिन भर यथाशक्ति व्रत रखें और व्रत का पारणा अगले दिन शुभ मुहूर्त में करें। इसी के साथ इस एकादशी को विशेष रूप से कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इस दिन किन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ?
इस Jaya Ekadashi Vart वाले दिन किसी भी प्रकार से तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। जो लोग एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें दशमी तिथि को सूर्यास्त से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए, ताकि अगले दिन आपके पेट में अन्न का अंश न रहे। इसी के साथ जो लोग एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, उन्हें भी इस दिन खासतौर पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
एकादशी व्रत को कभी हरिवासर समाप्त होने से पहले पारणा नहीं करना चाहिए। द्वादशी समाप्त होने के बाद व्रत का पारण करना पाप के समान माना जाता है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही हो तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है। द्वादशी तिथि पर प्रातः पूजन व ब्राह्मण को भोजन कराने के पश्चात ही व्रत का पारणा करना चाहिए।
इसी के साथ आज के दिन इन चीजों का विशेष तौर से ध्यान रखें जो आपको भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। आज के दिन पेड़ पौधो की फूल पत्तियां ना तोड़े और मांस मदिरा, लहसुन – प्याज जैसे तामसिक भोजन से दूर रहने के साथ किसी का दिया हुआ भोजन भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। आज के दिन किसी भी महिला का अपमान ना करें और ना ही किसी की बुराई करें।