Day 2 Maa Brahmacharini |देवी ब्रह्मचारिणी महिमा और आरती

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Day 2 Maa Brahmacharini -देवी ब्रह्मचारिणी महिमा और आरती। मेरा आज का ये आर्टिकल Maa Brahmacharini देवी ब्रह्मचारिणी महिमा और आरती से जुड़ा है। जिसके माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्रों के सुभ अवसर पर नवरात्रों पर पूजने वाली सभी देवियों के बारे में विस्तार से बताऊंगा। ताकि आप लोग सही तरीके से नवरात्री के पर्व को बना सको।

Day 2 Maa Brahmacharini
Day 2 Maa Brahmacharini

ॐ भूर्भुवः स्वः ब्रह्मचारिणी! इहागच्छ इहतिष्ठ। ब्रह्मचारिण्यै नमः । ब्रह्मचारिणीमावाहयामि स्थापयामि नमः ।। पाद्यादिभिः पूजनम्बिधाय ।। ॐ त्रिपुरां त्रिगुणाधारां मार्गज्ञान-स्वरूपिणाम् । त्रैलोक्य – वन्दितां देवी त्रिमूर्ति पूजयाम्यहम् ।।

हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार नवरात्री में भगवती दुर्गा माता की पूजा का स्रेस्ट समय होता है। नवरात्रों के पावन दिनों में हर दिन अलग अलग देवी के रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नो रूप होते हैं दुर्गा जी दुसरे स्वरूप में Maa Brahmacharini के नाम से जानी जाती है। यही नवदुर्गा में दूसरी दुर्गा है। नवरात्रों के दिन हमे सही तरीके से पूजा करनी चाहिए। ताकि हुए उस पूजा का सही फल प्राप्त हो सके।

Day 2 Maa Brahmacharini |देवी ब्रह्मचारिणी महिमा और आरती

अपने आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्री वाले दुसरे दिन पूजने वाली देवी Maa Brahmacharini की जानकारी देने वाला हु। ताकि आप नवरात्री के दुसरे दिन पूजने वाली Maa Brahmacharini की पूजा सही तरीके से कर सको। अपने इस आर्टिकल के द्वारा में आप सभी को माँ ब्रह्मचारिणी की जानकारी देने वाला हु। अगर आपको नवरात्रों पूजा की पूरी जानकारी चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करके मेरी पोस्ट देख सकते है। अपनी पोस्ट के अन्दर मैं विस्तार से पूजा के बारे में सब कुछ बताया हुवा है।

नवरात्र पर्व के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की कर वस्तु कमंडल व माला है, और इनका वाहन इनके पैर है। भगवान शिव से विवाह हेतु प्रतिज्ञा वक्त होने के कारण यह ब्रह्मचारिणी कहलाई ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तब का आचरण करने वाली।

देवी ब्रह्मचारिणी के हाथ में जप की माला है, और बाएं हाथ में कमंडल है। देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्मा का स्वरूप है, अर्थात तपस्या का मूर्तिमान रूप है। यही देवी भगवती दुर्गा, शिव स्वरूपा, गणेशजननी, नारायणी, विष्णुमाया और पूर्ण ब्रह्मचारिणी के नाम से प्रसिद्ध है।

देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य में ताप त्याग वैराग्य सदाचार संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उनका मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता है। देवी अपने साधकों की मलिनता दुर्गुणों और दोषों को नष्ट करती है। देवी की कृपा से सवर्त सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।

Maa Brahmacharini श्लोक

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु | देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ।।

Maa Brahmacharini Aarti

जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता। जय चतुरानन आनंद प्रिय सुख दाता ।। ब्रह्मा जी के मन को भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो ।। ब्रह्म मंत्र है जब तुम्हारा। जिसको जपे सरल संसारा ।। जय गायत्री वेद की माता । जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता ।। कमी कोई रहने ना पाए। उनकी विरति रहे ठिकाने ।। जो तेरी महिमा को जाने। रुद्रझ की माला ले कर ।। जपे जो मंत्र सरधा दे कर। आलस छोड़कर करे गुणगान ।। मां तुम उसको सुख पहुंचाना। ब्रह्मचारी तेरे नाम ।। पूर्ण करो सब मेरे काम। भक्त तेरे चरणों की पुजारी ।। रखना लाज मेरी महतारी।

उपर मैंने आपको विस्तार से Day 2 Maa Brahmacharini -देवी ब्रह्मचारिणी महिमा और आरती के बारे में बताया है। इसके साथ ही मैंने आपको Maa Brahmacharini Puja Mantra भी दिया है। ताकि आप लोग बिलकुल सही तरीके से नवरात्री वाले दिन सभी नो देवियों की पूजा पाठ सही तरीके से कर सको। मेरी इसी वेबसाइट पर आपको सभी नो देवियों की पूजा पाठ से जुडी पूरी जानकारी विस्तार से मिल जाएगी। और अगर आपको ये जानकारी पसंद आये तो इस वेबसाइट को अपने दोस्तों के बिच जरुर शेयर करिए।

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