Day 1 Maa Shailputri -देवी शैलपुत्री महिमा और आरती। मेरा आज का ये आर्टिकल Maa Shailputri देवी शैलपुत्री महिमा और आरती से जुड़ा है, जिसके माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्रों के सुभ अवसर पर नवरात्रों पर पूजने वाली सभी देवियों के बारे में विस्तार से बताऊंगा। ताकि आप लोग सही तरीके से नवरात्री के पर्व को बना सको।
Maa Shailputri Mantra
ॐ भूर्भुवः स्वः शैलपुत्री इहगच्छ इहतिष्ठ। शैलपुत्र्यै नमः । शैलपुत्रीमावाहयामिस्थापयामि नमः ।। पाद्यादिभिः पूजनम्बिधायः ।। ॐ जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरूपिणी । पूजां गृहाण कौमारि! जगत्मातर्नमोस्तुते ।।
हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार नवरात्री में भगवती दुर्गा माता की पूजा का स्रेस्ट समय होता है। शारदीय नवरात्रों के पावन दिनों में हर दिन अलग अलग देवी के रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नो रूप होते हैं दुर्गा जी पहले स्वरूप में शैलपुत्री के नाम से जानी जाती है। यही नवदुर्गा में प्रथम दुर्गा है। नवरात्रों के दिन हमे सही तरीके से पूजा करनी चाहिए। ताकि हुए उस पूजा का सही फल प्राप्त हो सके।
Maa Shailputri -देवी शैलपुत्री महिमा और आरती
अपने आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को नवरात्री वाले पहले दिन पूजने वाली देवी Maa Shailputri की जानकारी देने वाला हु. ताकि आप नवरात्री के पहले दिन पूजने वाली Maa Shailputri की पूजा सही तरीके से कर सको. अपने इस आर्टिकल के द्वारा में आप सभी को माँ शैलपुत्री की जानकारी देने वाला हु. अगर आपको नवरात्रों पूजा की पूरी जानकारी चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करके मेरी पोस्ट देख सकते है. अपनी पोस्ट के अन्दर मैं विस्तार से पूजा के बारे में सब कुछ बताया हुवा है.
पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिवस इनकी पूजा और उपासना की जाती है। Maa Shailputri का अस्त्र त्रिशूल है और वाहन गाय है. माता शैलपुत्री खडक, चंद्र, गदा, धनुष, तीर, परिघ, शूल, भुशंदी, कपाल और संघ को धारण करने वाली, संपूर्ण आभूषण से वशीभूत, नीलमणि के समान कांति युक्त 10 मुख और 10 चरण वाली है। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है।
महाकाली की आराधना करने से साधक को कुसंस्कारो, दुवास्नाओ तथा आसुरी व्रतियो के साथ संग्राम कर उन्हें नष्ट करने का सामर्थ प्राप्त होता है। यह देवी शक्ति, आधार ओ स्थरिता की प्रतिक है। इसके अतिरिक्त उपरोक्त मंत्र का नित्य एक माला जाप करने पर सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। इस देवी की उपासना जीवन में शिक्षा देती है।
Maa Shailputri Puja श्लोक
वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम । वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ।।
Maa Shailputri ki Aarti
शैलपुत्री मां बेल असवार । अरे देवता जय जयकार । शिव शंकर की प्रिय भवानी । तेरी महिमा कोई न जाने । पार्वती तू अकेला वे । जो सिर्फ सुख पावे ।। रिद्धि सिद्धि प्रदान करे तू । दया करे धनवान करे तू ।। सोमवार को सिर्फ प्यारी । आरती तेरी किसने उतारी ।। उसकी सगरी आज पूजा दो । सारे दुख तकलीफ मिटा दो ।। सीता सुंदर दीप जलाकर । गोला गरी का भोग लगाकर ।। श्रद्धा भाव से मंत्र का । प्रेम सहित से शीश झुकाए ।। जय किशोरी अंबे । शिव सुख चंद्र चकोरी अंबे ।। मनोकामना पूर्ण कर दो । सदा सुख संपत्ति भर दो ।।
उपर मैंने आपको विस्तार से Day 1 Maa Shailputri -देवी शैलपुत्री महिमा और आरती के बारे में बताया है। इसके साथ ही मैंने आपको Maa Shailputri Puja Mantra भी दिया है। ताकि आप लोग बिलकुल सही तरीके से नवरात्री वाले दिन सभी नो देवियों की पूजा पाठ सही तरीके से कर सको। मेरी इसी वेबसाइट पर आपको सभी नो देवियों की पूजा पाठ से जुडी पूरी जानकारी विस्तार से मिल जाएगी। और अगर आपको ये जानकारी पसंद आये तो इस वेबसाइट को अपने दोस्तों के बिच जरुर शेयर करिए।