Welcome to My Latest Vijaya Ekadashi Vart ki Jankari Article. अगर आप सभी लोग Vijaya Ekadashi Vart रखना चाहते है और इस विजय एकादशी व्रत की पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो मेरा आज का ये आर्टिकल आप लोगो के लिए ही है. अपने आज के इस आर्टिकल के द्वारा मैं आप सभी को Vijaya Ekadashi Vart ki Jankari देने वाला हु.
Vijaya Ekadashi Vart- विजया एकादशी की पूजा विधि
वैसे तो हिंदू धर्म में किए जानें वाले हर एक व्रत का अपने आप में एक अलग महत्व होता है। लेकिन आज मैं जिस व्रत की बात करने जा रहा हु. वह ऐसा व्रत है जिसके करने से जातक को शत्रु से विजय प्राप्त होती है। वह व्रत है विजया एकादशी का व्रत। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है जो कि एक मास में दो बार आता है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। विजया एकादशी का व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में की एकादशी तिथि को किया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर पराजय सामने खड़ी हो तो ऐसी परम विकट स्थिति में भी विजया एकादशी का व्रत रखने वाले को शत्रुओं पर जीत दिलाने की क्षमता रखती है। इसी के साथ इस एकादशी का व्रत रखने से जातक पर भगवान विष्णु की असीम कृपा होती है, जिसे उसके सारे दु:ख दर्द दूर हो जाते है और पापों का नाश होता है।
Vijaya Ekadashi Vart – विजया एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
इस साल विजया एकादशी तिथि का प्रारम्भ 26 फरवरी दिन शनिवार को सुबह 10 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा और विजया एकादशी तिथि का समापन अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 12 मिनट को होगा । पारणा का समय 28 फरवरी सोमवार को सुबह 6 बजकर 48 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट के बीच है.
तो भक्तो ये था विजया एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त। आइए अब जानते है इसकी पूजा विधि के बारे में।
Vijaya Ekadashi Vart पूजा विधि
विजया एकादशी वाले दिन प्रातःकाल में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजन के लिए एक चौकी पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले जल, अक्षत, फूल अर्पित कर हल्दी का तिलक करें। भगवान को धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित कर आज की एकादशी व्रत की कथा का पठन या श्रवण करें। पूजन के अंत में आरती करें। उसके बाद प्रसाद ग्रहण करके दिन भर यथाशक्ति व्रत रखें और व्रत का पारणा अगले दिन शुभ मुहूर्त में ही करें। इसी के साथ इस एकादशी को विशेष रूप से कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
तो आइए जानते है कि Vijaya Ekadashi Vart वाले दिन किन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
Vijaya Ekadashi Vart वाले दिन क्या करें और क्या नहीं
इस दिन किसी भी प्रकार से तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। जो लोग एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें दशमी तिथि को सूर्यास्त से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए, ताकि अगले दिन आपके पेट में अन्न का अंश न रहे। इसी के साथ जो लोग एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, उन्हें भी इस दिन खासतौर पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। एकादशी व्रत का कभी भी हरिवासर समाप्त होने से पहले पारणा नहीं करना चाहिए।
द्वादशी समाप्त होने के बाद व्रत का पारण करना पाप के समान माना जाता है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही हो तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है। द्वादशी तिथि पर प्रातः पूजन व ब्राह्मण को भोजन कराने के पश्चात ही व्रत का पारणा करना चाहिए।
Vijaya Ekadashi Vart Katha ki Jankari
इसी के साथ आज के दिन इन चीजों का विशेष तौर से ध्यान रखें जो कि आपको भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। आज के दिन पेड़ पौधों की फूल पत्तियां ना तोड़े और मांस मदिरा, लहसुन – प्याज जैसे तामसिक भोजन से दूर रहने के साथ किसी का दिया हुआ भोजन भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। आज के दिन किसी भी महिला का अपमान ना करें और ना ही किसी की बुराई करें।