Shardiya Navratri का त्यौहार हिन्दू का वो त्यौहार है जो पुरे 9 दिन चलता है. और इन 9 दिनों में माँ दुर्गा के नो अवतारों की अलग अलग रूप में पूजा की जाती है. अपने इस आर्टिकल के माध्यम से हम Shardiya Navratri Maha Ashtami पूजा कैसे? इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
इस साल Shardiya Navratri 7 अक्टूबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक चलने वाले है. पितृ पझ के बाद Shardiya Navratri की शुरुआत हो जाती है. Shardiya Navratri 9 दिन तक बनाया जाता है. Shardiya Navratri में भक्त 9 दिन तक माँ दुर्गा के अलग अलग रूप की पूजा वर्त रखकर करते है.
नवरात्री मुख्य रूप से शक्ति की आराधना करने के दिन होते है. मान्यता है की नवरात्री के दिनों 9 दिन तक माँ दुर्गा धरती पर विचरण करती है. और अपने भक्तो की भक्ति पर जनर रखती है, साथ ही उनकी रक्झा भी करती है. माना जाता है कि जो व्यक्ति इन 9 दिन तक सच्चे मन से माँ दुर्गा की पूजा करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते है और उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है.
Shardiya Navratri में Ashtami तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन को दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी भी बोला जाता है. अष्टमी तिथि के दिन माँ दुर्गा के आठवे रूप महा गोरी माता की पूजा की जाती है. जो भक्त 7 दिन तक Navratri के वर्त रखते है वो लोग आठवे दिन दुर्गा अष्टमी की पूजा करके, कनयाओ को भोजन कराकर अपना वर्त तोड़ते है.
इस बार Navratri Maha Ashtami 13 अक्टूबर बुधवार को पड रही है. इस दिन महागोरी माता का पूजन किया जायेगा. अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर 2021 रात 9 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर 2021 रात 8 बजकर 7 मिनट तक रहेगी. तो आप लोग इस शुभ मोहरत में माँ गोरी की पूजा कर सकते है. और कनयाओ को जिमाकर अपना वर्त पूरा कर सकते है.
नवरात्री के आठवे दिन माँ गोरी का पूजन किया जाता है. माँ गोरी के रूप की कथा कुछ इस प्रकार है. माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके कारण माता पार्वती का रूप काला पढ गया था. भगवान शिव के आशीर्वाद से माता गोर वर्ण की हो गयी और गोरी माता कहलाई.
माता गोरी के पूजन से विवाह में आने वाली वाधा भी दूर होती है. माँ गोरी की पूजा करने से पाप कर्म भी नष्ट होते है. आप चाहे तो इस दिन किसी पंडित को बुलाकर भी घर में पूजन हवन करवा सकते है. ऐसा करने से भी आपके उपर माँ गौरी की क्रप्या बनी रहेगी. और आपके सभी दुःख दर्द दूर हो जायेंगे.
- इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पीले रंग के साफ़ वस्त्र पहने.
- इसके बाद गंगाजल से माता गोरी को स्पर्स कराये
- इसके बाद माँ गोरी के सामने दीपक जलाये.
- इसके बाद माँ का तिलक करे और फुल, फल आदि अर्पण करे.
- अब उपले की अग्नि में लोंग, कपूर, देशी घी इत्यादी अर्पण करे.
- माँ गोरी का पूजन करने के बाद माता गोरी की आरती उतारे और उसके बाद मंत्र जाप करे.