Pausha Putrada Ekadashi Vrat Pooja Vidhi

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Welcome to My Latest Pausha Putrada Ekadashi Vrat Pooja Vidhi Article. अगर आप पौष पुत्रदा एकादशी व्रत की पूजा विधि की जानकारी विस्तार से पता करना चाहते हो तो मेरा आज का आर्टिकल इसी टोपिक से जुड़ा है. मेरे आज के इस आर्टिकल के माध्यम से Pausha Putrada Ekadashi Vrat की पूजा कैसे की जाती है. इस से जुडी जानकारी प्राप्त होने वाली है.

Pausha Putrada Ekadashi Vrat Pooja Vidhi
Pausha Putrada Ekadashi Vrat Pooja Vidhi

इस Pausha Putrada Ekadashi Vrat को संतान सुख देनी वाली एकादशी भी कहा जाता है. इस साल यह व्रत 13 जनवरी, 2022 (गुरूवार) को पड रहा है. यह एक ऐसा व्रत हे जिसके करने मात्र से आपको संतान सुख की प्राप्ति होती है, वो है पौष माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी व्रत।

Pausha Putrada Ekadashi Vrat Pooja Vidhi

वैसे तो हर मास में दो एकादशी आती है, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और हर एकादशी का अपने आप में एक अलग महत्व होता है। स्त्री वर्ग में इस व्रत का बड़ा प्रचलन और महत्व है। इस व्रत के प्रभाव से संतान की रक्षा भी होती है।

यह व्रत दो प्रकार से रखा जाता है निर्जला और फलाहारी या जलीय व्रत। सामान्यतः निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए। इस दिन संतान कामना के लिए भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की भी पूजा की जाती है। इसके लिए प्रातः काल पति-पत्नी को संयुक्त रूप से श्री कृष्ण की उपासना करनी चाहिए।

Pausha Putrada Ekadashi Vrat का शुभ मुहूर्त

Pausha Putrada एकादशी तिथि का आरम्भ – 12 जनवरी शाम 04 बजकर 49 मिनट पर।
Pausha Putrada एकादशी तिथि का समापन – 13 जनवरी को शाम 7 बजकर 32 मिनट पर।
व्रत का पारणा मुहूर्त – 14 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 21 मिनट तक।

तो भक्तो ये था पौष पुत्रदा एकादशी से जुड़े शुभ मुहूर्त जिसमें आप व्रत का पारणा अगले दिन यानि कि 14 जनवरी को सुबह शुभ मुहूर्त में कर सकते है। आइए अब जानते है पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि के बारे में।

Pausha Putrada Ekadashi Vrat पूजा विधि –

इस दिन प्रातःकाल में उठ कर स्नान आदि से निवृत्त हो कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजन के लिए एक चौकी पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले जल, अक्षत, फूल अर्पित कर हल्दी का तिलक करें। भगवान को धूप, दीप,नैवेद्य अर्पित कर आज की एकादशी व्रत की कथा का पठन या श्रवण करें। पूजन के अंत में आरती करें।

उसके बाद प्रसाद ग्रहण करके दिन भर यथाशक्ति व्रत रखें और व्रत का पारणा अगले दिन शुभ मुहूर्त में करें। इसी के साथ इस एकादशी को विशेष रूप से कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते है कि इस दिन किन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Pausha Putrada Ekadashi व्रत के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

इस दिन किसी भी प्रकार से तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। जो लोग एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें दशमी तिथि को सूर्यास्त से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए ताकि अगले दिन आपके पेट में अन्न का अंश न रहे। इसी के साथ जो लोग एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, उन्हें भी इस दिन खासतौर पर चावलों का सेवन नहीं करना चाहिए।

एकादशी व्रत को कभी हरिवासर समाप्त होने से पहले पारण नहीं करना चाहिए। द्वादशी समाप्त होने के बाद व्रत का पारण करना पाप के समान माना जाता है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही हो तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है। द्वादशी तिथि पर प्रातः पूजन व ब्राह्मण को भोजन करवाने के पश्चात ही व्रत का पारण करना चाहिए।

इसी के साथ आज के दिन इन चीजों का विशेष तौर से ध्यान रखें जो आपको भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। आज के दिन पेड़ पौधो की फूल पत्तियां ना तोड़े और मांस मंदिरा, लहुसन – प्याज जैसे तामसिक भोजन से दूर रहने के साथ किसी का दिया हुआ भोजन भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। आज के दिन किसी भी महिला का अपमान ना करें और ना ही किसी की बुराई करें।

Pausha Putrada Ekadashi Vrat Katha

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